देहरादून। ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ब्रह्मलीन हो गए। 99 वर्ष की आयु में लंबी बीमारी के बाद रविवार को अपराह्न उन्होंने मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर आश्रम में अंतिम सांस ली। बता दें कि बीते 30 अगस्त को देश के सबसे वरिष्ठ संत स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का 99 वाद जन्मोत्सव देशभर में धूमधाम से मनाया गया था। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे और वर्तमान में हुई ज्योतिष एवं द्वारका पीठ के शंकराचार्य थे।
ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठ के रहे शंकराचार्य
स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती वर्ष 1973 में ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य और 1981 में द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य पद पर अभिषिक्त हुई थे। तब से लेकर वे दोनों पीठों पर निरंतर आचार्य पद पर सुशोभित थे। शंकराचार्य के निधि सचिव स्वामी सुबोधानंद सरस्वती की ओर से उनके निधन का आधिकारिक पत्र जारी किया गया। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के निधन पर धार्मिक सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े लोगों ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।
धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े लोगों ने जताया दुख
टिहरी के विधायक किशोर उपाध्याय ने इसे एक युग का अंत बताते हुए कहा शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती धार्मिक एवं आध्यात्मिक क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए हैं, जो हमेशा याद किए जाएंगे। चार धाम तीर्थ रोहित महापंचायत प्रवक्ता डॉ बृजेश सती ने कहा कि शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का धार्मिक क्षेत्र में यह भी उल्लेखनीय कार्यों के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों की ओर से उनके निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की।
शंकराचार्य के ब्रह्मलीन होने पर जताया दुख
रुद्रप्रयाग। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के ब्रह्मलीन होने पर जिलेभर में अनेक लोगों ने गहरा दुख व्यक्त किया। साथ ही इसे बड़ी क्षति बताया। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य द्वारा हिन्दू धर्म की रक्षा और इसके व्यापक प्रचार प्रसार के लिए उत्कृष्ट कार्य किए गए। उनके निधन से समाज को बड़ी और गहरी क्षति हुई है। उनकी कमी को कभी पूरा करना संभव नहीं है। दुख व्यक्त करने वालों में कोटेश्वर महंत शिवानंद गिरी, रुद्रनाथ महंत धर्मानंद, वरिष्ठ तीर्थपुरोहित, श्रीनिवास पोस्ती, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महामंत्री प्रदीप बगवाड़ी, केदारनाथ के पूर्व विधायक मनोज रावत, माधो सिंह नेगी, प्रदीप थपलियाल, शैलेंद्र भारती, रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी, केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत, जिला पंचायत अध्यक्ष सुमंत तिवारी सहित बड़ी संख्या में लोगों ने दुख व्यक्त किया।
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती 99 वर्ष की उम्र में हुए ब्रह्मलीन
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