जखोली: पर्यावरण संवर्धन एवं संरक्षण जागरूकता कार्यक्रम के तहत जखोली महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं व शिक्षकों ने संयुक्त रूप से श्रमदान कर प्राकृतिक जलस्रोत के संवर्धन का अभियान प्रारंभ किया गया। इसकी शुरूआत जखोली विकास खंड के कपणियां गांव से इसकी शुरूआत की गई।
राजकीय महाविद्यालय जखोली के प्राचार्य डॉ. कुमारी माधुरी के निर्देशन और संरक्षण में महाविद्यालय के प्राध्यापकों डॉ. देवेश चंद्र, डॉ. सुभाष कुमार, डॉ विकास शुक्ला के दिशा निर्देशन में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं के सहयोग से पर्यावरण संवर्धन एवं संरक्षण जागरूकता कार्यक्रम की शुरूआत की गई। इसके तहत प्राचीन एवं प्राकृतिक जल स्रोतों की साफ सफाई एवं पुनरुद्धार करने का अभियान प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ ग्राम पंचायत कपणिया के सबसे प्राचीन एवं प्राकृतिक जलस्रोत केलापीर मंदिर के समीप रैतिया पानी तथा प्राचीन प्राकृतिक जल स्रोत डिगी धारा जल स्रोत एवं सोणानी धारा जल स्रोत की साफ-सफाई संरक्षण का कार्य संपन्न किया गया। क्षेत्र की जनता को प्राकृतिक जल स्रोतों के महत्व एवं रख रखाव, साफ सफाई के लिए भी इस अवसर पर जागरूक किया गया।वर्तमान परिस्थिति में पर्यावरण को लेकर राज्य ही नहीं पूरे देश व विश्व में लोगों को सचेत किया जा रहा है। इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु राजकीय महाविद्यालय जखोली के द्वारा पर्यावरण हितों के लिए एक नई पहल की शुरुआत की गई।
इस अवसर पर महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं एवं प्राध्यापकों डॉ देवेश चंद्र, डॉ. सुभाष कुमार, डॉ विकास शुक्ला, अध्यापक दिगपाल सिंह नेगी, ग्राम प्रधान बच्वाड रंजीत सिंह, ग्राम प्रधान कंपनियां ऋतुराज, समाजसेवी राम सिंह राणा, क्षेत्र पंचायत सदस्य राजेश्वरी देवी, समाजसेवी धर्मानंद भट्ट, शिक्षक वीरेंद्र राणा समेत बड़ी संख्या में लोग कार्यक्रम में मौजूद थे।
छात्र जुटे प्राकृतिक जलस्रोतों के संवर्धन में
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