उत्तरकाशी। सोमवार को वन विभाग की ओर से गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट पर्यटकों और पर्वतारोहियों के लिए विधिवत खोल दिए गए हैं। पार्क प्रशासन की और से गौमुख-तपोवन ट्रैक के कनखू बैरियर पर गेट का ताला विधिवत पूजा पाठ के साथ खोला गया। गंगोत्री नेशनल पार्क करीब 2,390 वर्ग किमी में फैला हुआ है। यह नेशनल पार्क दुर्लभ वन्य जीवों स्नो लेपर्ड सहित भरल, भूरा भालू आदि का घर माना जाता है। यहां गौमुख से गंगा का उद्धगम स्थल होने के साथ ही गंगोत्री ग्लेशियर में समुद्रतल से 4,000 मीटर से लेकर 7 हजार मीटर ऊंची-ऊंची चोटियां हैं। इसके साथ ही इसके तहत गंगोत्री धाम और नेलांग घाटी भी शामिल हैं। नेलांग घाटी भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा (चीन के कब्जे वाले तिब्बत) को जोड़ती है। नेलांग तक वर्ष 2015 में केंद्र सरकार ने पर्यटकों के जाने की अनुमति दी थी। वहीं इस पार्क के अंतर्गत गड़तांग गली भी शामिल है। गंगोत्री नेशनल पार्क क्षेत्र का सबसे प्रसिद्ध ट्रेक गोमुख तपोवन ट्रेक है। गोमुख तक जाने वाले इस ट्रेक की दूरी गंगोत्री से करीब 18 से 22 किमी है। गंगोत्री धाम की यात्रा पर आने वाले कई तीर्थयात्री व कांवड़ यात्री भी यहां पहुंते हैं। प्रतिदिन केवल 150 तीर्थयात्रियों को ही इस ट्रेक पर जाने की अनुमति दी जाती है। पार्क के उपनिदेशक रंगनाथ पांडेय ने बताया कि गंगोत्री नेशनल पार्क के चारों गेट 6 माह के लिए पर्यटकों के लिए खोल दिए गए हैं। इस मौके पर रेंज अधिकारी प्रदीप बिष्ट, वन दरोगा राजवीर रावत, देवराज राणा आदि मौजूद रहे।
पर्यटकों के लिए विधिवत रूप से खोल दिए गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट
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