Sunday, November 24, 2024
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राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर लगाया ‘देशद्रोह’ का आरोप, अन्य नेताओं ने भी साधे निशाने

देहरादून: पूर्व से ही केंद्र सरकार 2017 में इस्राइल से पेगासस स्पाईवेयर खरीदने के आरोपों से घिरा हुआ है। अब एक बार फिर इसे लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर ‘देशद्रोह’ का आरोप लगाया है। उनके अतिरिक्त कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला से लेकर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने व भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी भाजपा सरकार पर निशाने साधे। 

अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट कि एक रिपोर्ट के अनुसार 2017 में भारत और इस्राइल के बीच लगभग दो अरब डॉलर (करीब 15 हजार करोड़ रुपये) के आधुनिक हथियारों और खुफिया उपकरणों का सौदा हुआ था। जिसमे पेगासस स्पाईवेयर और एक मिसाइल प्रणाली की खरीद मुख्य रूप से शामिल थी।

इस पर राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुआ कहा कि , ‘‘मोदी सरकार ने हमारे लोकतंत्र की प्राथमिक संस्थाओं, राजनेताओं व जनता की जासूसी करने के लिए पेगासस ख़रीदा था। फ़ोन टैप करके सत्ता पक्ष, विपक्ष, सेना, न्यायपालिका सब को निशाना बनाया है। ये देशद्रोह है।’’

विपक्षी पार्टियां ही नहीं भाजपा पर उन्ही के नेता भी निशाने साध रहे हैं| इस पर भाजपा के ही सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, ‘‘मोदी सरकार को न्यूयॉर्क टाइम्स के खुलासे को खारिज करना चाहिए। इस्राइली कंपनी एनएसओ ने 300 करोड़ रुपये में पेगासस बेचा। प्रथम दृष्टया यह लगता है कि सरकार ने उच्चतम न्यायालय और संसद को गुमराह किया है। क्या यह ‘वाटरगेट’ है?’’ फिलहाल इस मामले पर फिलहाल सरकार की ओर से प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। 

उनके अतिरिक्त कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा , ‘‘ इस खबर से वह बात साबित हो गई जो कांग्रेस कहती आ रही थी। मोदी सरकार ने गैरकानूनी और असंवैधानिक तरीके से अपने नागरिकों के खिलाफ इस स्पाईवेयर का उपयोग किया है। इसके लिए सीधे तौर पर प्रधानमंत्री जिम्मेदार हैं। यह प्रजातंत्र का अपहरण और देशद्रोह है।’’

उन्होंने यह दावा भी किया, ‘‘मोदी सरकार ने संसद को धोखा दिया। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में कहा कि उनके पास इस स्पाईवेयर की खरीद की जानकारी नहीं है। गृह मंत्री और गृह मंत्रालय तथा रक्षा मंत्री और रक्षा मंत्रालय ने संसद के साथ धोखा किया।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘पेगासस स्पाईवेयर को जनता के पैसे से और प्रधानमंत्री की मंजूरी से खरीदा गया। इस सरकार ने संसद, जनता और उच्चतम न्यायालय को धोखा दिया है।’’

सुरजेवाला ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘इस मामले में प्रधानमंत्री की सीधी भूमिका है। हम संसद के भीतर प्रधानमंत्री की जवाबदेही तय करने मांग कर करेंगे। हम भाजपा और उसके नेताओं की जवाबदेही जनता की अदालत में सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे। हम यह उच्च्तम न्यायालय से आग्रह करते हैं कि वह इसका संज्ञान ले और उचित दंडात्मक अदालती कार्यवाही की शुरुआत करे क्योंकि इस सरकार ने जानबूझ कर सर्वोच्च अदालत को धोखा दिया है।’’

उधर कांग्रेस राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट किया, ‘‘मोदी सरकार ने भारत के शत्रु की तरह काम क्यों किया और भारतीय नागरिकों के खिलाफ ही युद्ध के हथियारों का उपयोग क्यों किया?’’ उन्होंने कहा, ‘‘पेगासस का उपयोग गैरकानूनी जासूसी के लिए करना राष्ट्रद्रोह है। कानून से बढ़कर कोई नहीं है। हम सुनिश्चित करेंगे कि न्याय हो।’’

इस पर कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई भारतीय नागरिकों के खिलाफ सैन्य श्रेणी के स्पाईवेयर का इस्तेमाल किया, जिसके लिए उसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए। भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. ने ट्वीट किया, ‘‘राहुल गांधी जी ने जुलाई 2021 में सरकार से दो सवाल पूछे थे, जिनके जवाब प्रधानमंत्री ने तो नहीं दिए लेकिन ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की खबर से मिले। ये सवाल थे कि क्या हिंदुस्तान की सरकार ने पेगासस खरीदा और क्या इस हथियार का प्रयोग अपने लोगों पर किया? अब जवाब, एकदम साफ है – हां।’’

सुप्रीम कोर्ट ने इस्राइली स्पाईवेयर ‘पेगासस’ के जरिए भारतीय नागरिकों की कथित जासूसी के मामले की जांच के लिए पिछले साल अक्टूबर में विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया था। कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूहों के एक संगठन ने दावा किया था कि कई भारतीय नेताओं, मंत्रियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, कारोबारियों और पत्रकारों के खिलाफ पेगासस का कथित तौर पर इस्तेमाल किया गया है|

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