देहरादून। रिलांयस ज्वैलरी शौरूम में बीस करोड की डकैती मामले में पुलिस के हाथ आठ माह बाद भी खाली हैं। कुछ लोगों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस अपनी पीठ थपथपाने लगी, लेकिन पुलिस अभी तक न तो इस डकैती के मास्टर माइंड को और न ही जेवरातों को बरामद करने में सफल रही है।
उल्लेखनीय है बीते नौ नवम्बर को राज्य सरकार स्थापना दिवस की तैयारी में थी। करीब साढे दस बजे राजपुर रोड पर सचिवालय के ठीक सामने स्थित रिलांयस ज्वैलरी शौरूम के कर्मचारी अभी शोरूम में पहुंचे ही थे कि तभी दो लोग वहां पर ग्राहक बनकर आये। जिसके बाद उनके तीन अन्य साथी भी वहां पर पहुंचे और उन्होंने हथियारों के नोक पर सभी कर्मचारियों को एक कमरे में बंधक बनाकर वहां से लगभग बीस करोड रूपये के जेवरात लूटकर वहां से फरार हो गये। दिनदहाडे हुई डकैती की घटना से पुलिस विभाग में हडकम्प मच गया था तथा जनता में सनसनी फैल गयी थी कि इतने व्यस्तम राजपुर रोड पर बदमाशों ने दिन दहाडे डकैती की घटना को अंजाम दे दिया। एसएसपी अजय सिंह ने घटना स्थल का निरीक्षण कर अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश देते हुए पुलिस की टीमों का गठन किया गया। गठित टीमों ने शहर के बाहर जाने वाले मार्गो पर लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला तो पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे तथा प्रेमनगर से नीचे चकराता रोड पर पुलिस को बदमाशों द्वारा छोडी गयी मोटरसाईकिलें भी लावारिस हालत में पडी मिल गयी। पुलिस अधिकारियों ने काफी मशक्कत के बाद इस घटना में शामिल पांचों लोगों को गिरफ्तार करने का दावा किया था। लेकिन पुलिस पांचों पकडे गये लोगों से लूट के जेवरात बरामद नहीं कर सकी थी।
अब इस मामले में पुलिस की कहानी को सही माने तो पकडे गये सभी पांचों बदमाश एक दूसरे को जानते तक नही थे तथा इस पूरी घटना का मास्टर माइंड बिहार की जेल में बैठा है तथा उसी ने वहीं जेल में बैठकर इस घटना की रूपरेखा तैयार की तथा इस घटना को अंजाम देने वालों को भी जेल में रहते हुए तैयार किया और घटना को अंजाम तक पहुंचाया। डकैती की इस घटना के बाद इन पांचों से विकासनगर के पास एक व्यक्ति जेवरातों से भरा थैला लेकर चला गया था। जिसको यह पांचों नहीं पहचानते हैं। अगर इस फिल्मी कहानी को सही माना जाये तो फिर तो पुलिस जेवरातों को कभी भी बरामद नहीं कर पायेगी। क्योंकि पुलिस की फिल्मी कहानी में मास्टर माइंड जेल में बंद है और घटना को अंजाम देने वालों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया लेकिन जेवरात लेकर जाने वाले को कोई जानता नहीं और जिस अनजान व्यक्ति को बीस करोड के जेवरात सौंप दिये गये। यह बात हजम होती नहीं प्रतीत होती। लेकिन अब चाहे जो भी हो लेकिन दून पुलिस के लिए रिलांयस ज्वैलरी शौरूम डकैती एक चुनौती बन रखी है। पुलिस अधिकारी पांच लोगों की गिरफ्तारी के बाद चाहे अपनी पीठ थपथपाते रहें लेकिन जब तक जेवरात बरामद नहीं होते तब तक खुलाया शून्य ही माना जायेगा।