दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज बुद्धवार को पेगासस जासूसी मामले की जांच करवाने हेतु कोर्ट में दायर याचिकाओं पर फैसला सुनाया और जांच के लिए तीन सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया I
इस जांच कमेटी के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस आर वी रविन्द्रन होंगेi कमेटी के अन्य दो सदस्य हैं- पूर्व आई पी एस अधिकारी आलोक जोशी तथा डा. संदीप ओबेरॉय I मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने यह आदेश जारी किया। इस बेंच में मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली शामिल थे।
कमेटी जासूसी मामले में सरकार पर लगाए गए आरोपों की जांच करेगी तथा 8 हफ़्तों में अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेगी I
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पेगासस की सच्चाई की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निजता के अधिकार के उल्लंघन की जांच होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारत के नागरिकों की निगरानी में विदेशी एजेंसी की संलिप्तता एक गंभीर चिंता का विषय है।
मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने यह आदेश जारी किया। इस बेंच में मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली शामिल थे। वहीं पेगासस जासूसी कांड की जांच को लेकर 12 याचिकाएं दायर की गई थीं। इनमें वकील एमएल शर्मा, माकपा सांसद जॉन ब्रिटास, पत्रकार एन राम, पूर्व आईआईएम प्रोफेसर जगदीप चोककर, नरेंद्र मिश्रा, परंजॉय गुहा ठाकुरता, रूपेश कुमार सिंह, एसएनएम आब्दी, पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया का नाम शामिल है।
विदित हो कि इससे पहले पेगासस जासूसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 13 सितंबर को सुनवाई हुई थी। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने साफ कर दिया था कि वह इस मामले में हलफनामा दाखिल नहीं करने जा रही है। सरकार ने कहा था कि यह सार्वजनिक चर्चा का विषय नहीं है, इसलिए हलफनामा दाखिल नहीं कर सकते। लेकिन वह जासूसी के आरोपों की जांच के लिए पैनल गठित करने के लिए राजी है।