देहरादून: पुष्कर सिंह धामी सरकार-टू के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस पार्टी का कोई नेता शामिल नहीं हुआ। जिस पर आम लोगों के बीच कांग्रेस पार्टी की आलोचना हो रही है। जिसके जवाब पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा, “यदि ससम्मान बुलाया जाता तो वह निश्चित रूप से समारोह में शामिल होते, लेकिन सरकार की ओर से उनके प्रोटोकॉल का ध्यान नहीं रखा गया”। उन्होंने फेसबुक पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को टैग करते हुए बधाई दी और पूरे शपथ ग्रहण समारोह को अपने मोबाइल फोन पर देखने का जिक्र भी किया।
अपनी सफाई पेश करते हुए हरीश रावत ने फेसबुक पर एक पोस्ट साझा कर लिखा, “मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस की अनुपस्थिति को लेकर टिप्पणियां हुई हैं, जो स्वाभाविक हैं। शपथ ग्रहण समारोह से दूरी बनाने का हमारा कोई उद्देश्य नहीं था। जो निमंत्रण पत्र भेजा गया था, उसके साथ कार पार्किंग और बैठने का स्थान तक इंगित नहीं था। वह भी ऐसे समय में जब देश का शीर्षस्थ शासक वर्ग कार्यक्रम में उपस्थित था। ऐसे में यदि वह बिना पूर्व निर्धारित स्थान और बिना कार पार्किंग, प्रवेशद्वार पास इत्यादि के पहुंचते तो स्थिति असहज हो सकती थी। बहुत विचार करने के बाद कार्यक्रम में नहीं जाने का फैसला किया।”
हरीश रावत ने कहा कि पिछली बार ऐसा अवसर आया था तो वह गए थे। मंच पर उन्होंने, मुख्यमंत्री, मंत्रियों व भाजपा के नेताओं को बधाई भी दी थी। उनके साथ बैठे भी थे। मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह एक राज्य का महत्वपूर्ण अवसर होता है, उस अवसर पर विपक्ष के नेताओं और पूर्व मुख्यमंत्रियों को सम्मानपूर्वक बुलाया जाना चाहिए। उनको वहां जाना भी चाहिए, राजनीतिक सौहार्द की यह आवश्यकता है।