Saturday, November 23, 2024
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रुद्रप्रयाग से भाजपा का चेहरा आखिर कौन

देहरादून: रुद्रप्रयाग विधानसभा सीट पर मौजूदा समय में भाजपा का कब्जा है। लेकिन टिकट को लेकर भाजपा के भीतर दावेदारों में जोर आजमाईश चल रही है। सीटिंग विधायक भरत चौधरी ने वर्ष 2017 में 29 हजार से अधिक मत हासिल कर कांग्रेस बड़ी बढ़त के साथ 14 हजार से अधिक मतों से जीत दर्ज की थी। लेकिन इसके बावजूद भाजपा में आधा दर्जन लोग पार्टी से टिकट मांग रहे हैं।

भाजपा केन्द्रीय नेतृत्व के सीटिंग विधायकों के टिकट काटने के संकेत के बाद रुद्रप्रयाग विधानसभा सीट पर भाजपा में दावेदारों की संख्या बढ़ गई है। मौजूद विधायक भरत सिंह चौधरी की दावेदारी तो इस सीट से मजबूत है कि लेकिन इसके अलावा भाजपा के कद्दावर नेताओं ने पार्टी फारम के साथ ही जनता के बीच जनसंपर्क बनाए हुए है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता व पार्टी संगठन में कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारियों को बेहत्तर तरीके से निर्वहन करने वाले बीरेन्द्र सिंह बिष्ट ने रुद्रप्रयाग विधानसभा सीट से टिकट के लिए पार्टी संगठन में दावेदारी पेश की है।

उनकी दावेदारी काफी मजबूत मानी जा रही है। वह लगातार गांव-गांव में जनसंपर्क में हैं। सौम्य, सरल व कुशल नेतृत्व क्षमता के धनी बीरेन्द्र बिष्ट का आम कार्यकर्ताओं व जनता के बीच काफी भी लोकप्रिय हैं। संगठन पर मजबूत पकड़ के चलते वह मुख्य दावेदार के रूप में हैं।

भाजपा के वरिष्ठ नेता वीर सिंह रावत टिकट की दौड़ में किसी से पीछे नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कौश्यारी से उनकी निटकता व वर्तमान में कोश्वारी की प्रदेश राजनीति में मुख्य किरदार होने के चलते वीर सिंह की दावेदारी को मजबूत बना रही है। जखोली क्षेत्र में वीर सिंह रावत की मजबूत पकड़ है।

पार्टी संगठन में अमित शाह से लेकर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा तक वह सीधे मिलते रहते हैँ। समय-समय पर दिल्ली जाकर विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं से अपने हाईकमान को अवगत भी कराते रहते हैं। वह मुखर होकर जनता की आवाज शासन तक पहुंचाते हैं, जनता उन्हें काफी पसंद करती है। इन सभी को लेकर उनकी दावेदारी मजबूत बनी है।

भाजपा प्रदेश संगठन में प्रदेश सह मीडिया प्रभारी कमलेश उनियाल की भी बीजेपी से टिकट की दावेदारी है। युवाओं के बीच अच्छी पकड़ रखने वाले उनियाल लंबे समय से लगातार जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं के लिए आवाज उठा रहे हैं। पार्टी संगठन में भी उनकी दावेदारी को अनदेखा नहीं किया जा सकता। वह टिकट की दौड़ में मुख्य रूप से दावेदारी पेश कर रहे हैं।

इसके अलावा पूर्व जिलाध्यक्ष बाचस्पति सेमवाल की दावेदारी भी प्रमुख है। वह सर्वमान्य नेता है। पार्टी में सभी से मधुर संबंध है। लंबे समय से भाजपा में मुख्य कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रहे हैँ। नब्बे के दशक से भाजपा को संगठनात्मक रूप से मजबूत करने में उनकी अह्म भूमिका है। निर्विवाद होने के चलते उनकी दावेदारी मुख्य मानी जा रही है।

युवा नेता अजय सेमवाल ने भी पार्टी फोरम में दावेदारी पेश की है। युवा होने के साथ ही कई पार्टी संगठन के पदों पर वह रह चुके हैं। प्रदेश संगठन के साथ की केन्द्र संगठन पर उनकी मजबूत पकड़ व युवा चेहरे के रूप में दावेदारी सामने आई है।

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