देहरादून: वर्ष 2017 के बाद वर्ष 2022 में भाजपा लगातार दूसरी बार प्रदेश में सरकार बनी है। लेकिन दोनो बार सरकार में रुद्रप्रयाग व चमोली जिले को मंत्रीमंडल में स्थान नहीं मिल पाया है। जबकि इस बार भाजपा ने दोनो जिले की पांच विधानसभा सीटों में चार पर जीत दर्ज की है, वर्ष 2017 में भी पांच में से चार विधानसभा सीटों पर भाजपा जीत दर्ज करने में सफल रही। लेकिन इसके बावजूद भाजपा हाइकमान की दोनो सीमांत जनपद के प्रति अनदेखी से यहां के लोगों में खासी नाराजगी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का रुद्रप्रयाग जनपद से विशेष लगाया है। केदारनाथ धाम में साढ़े सात सौ करोड़ से अधिक धनराशि के कार्य प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत संचालित हो रहे हैँ। बद्रीनाथ में भी ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत कार्य होना है। लेकिन इन दोनो जिलों से किसी को भी मंत्रीमंडल में प्रतिनिधित्व न दिया जाने से नाराजगी है। जनता में भी इसको लेकर काफी नाराजगी है। जबकि विधायकों के प्रोफाइल की बात करें तो जो मंत्री बनाए गए हैं उनसे कई सीनियर विधायक यहां मौजूद है। केदारनाथ की विधायक शैलारानी रावत दूसरी बार विधायक बनी है, और इससे पूर्व वह ब्लाक प्रमुख, जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी है। राजनीतिक का अच्छा ज्ञान उन्हें है। रुद्रप्रयाग के विधायक भरत चौधरी भी दूसरी बार विधायक बने हैं। और वह पिछले चालीस वर्षो से सक्रिय राजनीति में हैं। जबकि कर्णप्रयाग के विधायक नौटियाल भी दूसरी बार विधायक चुने
मंत्रिमंडल में सीमांत जिले रुद्रप्रयाग व चमोली की घोर अनदेखी
RELATED ARTICLES