अठूरवावा में रामलीला मंचन ने किया भावविभोर
देहरादून।
अठूरवावा में चल रही रामलीला के मंचन ने सोमवार की रात दर्शकों की संवेदनाओं को झकझोर दिया। मंच पर राजा दशरथ की भूमिका निभा रहे डॉ. राकेश भट्ट और कैकई का किरदार निभा रहीं डॉ. ममता कुंवर ने अपने सशक्त अभिनय से उपस्थित जनसमूह को भावविभोर कर दिया।
करीब एक घंटे तक चले दशरथ–कैकई संवाद के दौरान पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। कैकई द्वारा राम के वनवास की मांग और राजा दशरथ के दर्दभरे विलाप का दृश्य इतना प्रभावशाली रहा कि कई दर्शक भावनाओं से भर उठे।
डॉ. ममता कुंवर के निर्देशन में आयोजित इस रामलीला में कलाकारों ने अपने-अपने किरदारों में गहराई से उतरकर मंच को जीवंत बना दिया। अभिनय, संवाद अदायगी और भाव-प्रदर्शन की उत्कृष्टता ने इस मंचन को अविस्मरणीय बना दिया।
स्थानीय लोगों ने कहा कि इस बार की रामलीला में कलाकारों का प्रदर्शन अब तक का सबसे प्रभावशाली रहा। मंचन के अंत में दर्शकों ने खड़े होकर कलाकारों का अभिनंदन किया।
देहरादून।
अठूरवावा में चल रही रामलीला के मंचन ने सोमवार की रात दर्शकों की संवेदनाओं को झकझोर दिया। मंच पर राजा दशरथ की भूमिका निभा रहे डॉ. राकेश भट्ट और कैकई का किरदार निभा रहीं डॉ. ममता कुंवर ने अपने सशक्त अभिनय से उपस्थित जनसमूह को भावविभोर कर दिया।
करीब एक घंटे तक चले दशरथ–कैकई संवाद के दौरान पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। कैकई द्वारा राम के वनवास की मांग और राजा दशरथ के दर्दभरे विलाप का दृश्य इतना प्रभावशाली रहा कि कई दर्शक भावनाओं से भर उठे।
डॉ. ममता कुंवर के निर्देशन में आयोजित इस रामलीला में कलाकारों ने अपने-अपने किरदारों में गहराई से उतरकर मंच को जीवंत बना दिया। अभिनय, संवाद अदायगी और भाव-प्रदर्शन की उत्कृष्टता ने इस मंचन को अविस्मरणीय बना दिया।
स्थानीय लोगों ने कहा कि इस बार की रामलीला में कलाकारों का प्रदर्शन अब तक का सबसे प्रभावशाली रहा। मंचन के अंत में दर्शकों ने खड़े होकर कलाकारों का अभिनंदन किया।

