देहरादून: राज्य में लगातार भर्ती घोटालों के खुलासे के साथ ही अंकिता भंडारी हत्याकांड से पूरे देश में सुर्खियों में बने उत्तराखंड को लेकर भाजपा केन्द्रीय नेतृत्व काफी चिंता में है। यही कारण है कि पिछले एक साप्ताह में दूसरी बार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिल्ली रवाला हो गए हैं। लगातार उजागर हो रही इन घटनाओं से प्रदेश सरकार काफी दवाब में है। विधानसभा में हुए नियुक्तियों में गड़बड़ी और उसके बाद निरस्त करना, भर्ती घोटाला व अब तक की हुई सभी भर्तियों में गड़बड़ी की संभावनाओं से राज्य में राजनीतिक भूचाल आने की संभावना बढ़ गई है। केन्द्रीय नेतृत्व उत्तराखंड में हो रही इन घटनाओं से काफी चिन्तित है। भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के मोदी की घोषणा के उलट राज्य में सब कुछ चल रहा है।
आने वाले लोक सभा चुनाव में भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व किसी भी कीमत पर केन्द्र सरकार की छवि को धुमिल नहीं होने देना चाहता है। इसके लिए राज्य में राजनीतिक बदलाव को लेकर भी मंथन्न चल रहा है। प्रदेश के मुखिया का लगातार दिल्ली जाना इस बात का संकेत है।
नवरात्रों के बाद प्रदेश में बड़े बदलाव की संभावना जताई जा रही है। मंत्रीमंडल विस्तार व कुछ मंत्रियों की छुट्टी होने की संभावना भी जताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार केन्द्रीय नेतृत्व कोई बड़ा बदलाव कर कड़ा संदेश भी देने पर विचार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री धामी दिल्ली रवाना, बड़े बदलाव के संकेत
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