रुद्रप्रयाग: केदारनाथ विधानसभा के उप चुनाव धामी सरकार के लिए नाक का सवाल था। सीएम धामी भी इस बात को बखूबी तरह जानते थे। रणनीति के तहत रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी को मुख्यमंत्री धामी ने विधानसभा संयोजक बनाकर बड़ी जिम्मेदारी सौप दी। विधायक चौधरी को यह जिम्मेदारी प्रत्याशी चयन से लेकर चुनाव के परिणाम तक सौंपी गई थी। प्रत्याशी चयन के लिए भी भाजपा का काफी माथा पच्ची करनी पड़ी। दो अन्य मजबूत दावेदारों के चलते प्रत्याशी चयन करना पार्टी के लिए काफी मुश्किल फैसला था, लेकिन विधायक चौधरी ने टिकट वितरण के बाद विरोध के स्वर उठने नहीं दिए, चाहे वह ऐश्वर्या रावत हो या फिर कुलदीप सिंह रावत सभी से वार्ता कर व उनकी मुख्यमंत्री से वार्ता करवाकर माहौल को खराब नहीं होने दिया। चुनाव प्रचार के दौरान भी कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगाना हो याफिर मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों की तैयारी करनी हो, विधायक चौधरी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, तथा मुख्यमंत्री के चन्द्रापुरी, चोपता, भणज व गुप्तकाशी की चुनावी रैलियां सफलता पूर्वक संपन्न करवाई, इतना ही नहीं कांग्रेस के तमाम रणनीति को धराशाही करके भाजपा को जीत दर्ज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वहीं अब धामी सरकार मंत्रीमंडल विस्तार में विधायक चौधरी को मंत्री बनाकर इस जीत का तोहफा देना चाहेगी, विधायक चौधरी काफी सीनियर विधायक होने के साथ ही इस समय मुख्यमंत्री के काफी नजदीकी विधायकों में शामिल है।
केदारनाथ उप चुनाव में जीत की जिम्मेदारी निभाने के बाद अब मंत्री पद का मिल सकता है विधायक चौधरी को तोहफा
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