रुद्रप्रयाग। संस्कृत महाविद्यालय रुद्रप्रयाग में शशि भूषण बमोला नए
प्राचार्य के रूप में तैनाती मिली है।
सहायक निदेशक संस्कृति एकादमी ने नए प्राचार्य के रूप में शशि भूषण बमोला को प्रभार पत्र सौंपते हुए विद्यालय का कुशल संचालन करने के निर्देश दिए। ताकि व्यवस्थित ढंग से महाविद्यालय का संचालन हो सके। सामाजिक कार्यकर्ता श्यामलाल सुन्द्ररियाल ने प्राचार्य देवली के कार्यकाल को अविस्मरणीय बताकर कहा कि एक शिक्षक कभी सेवानिवृत्त नहीं होता है, वह समाज के सृजन में आजीवन लगा रहता है। सेवानिवृत्ति पर प्राचार्य डॉ० देवली ने कहा कि कुशल प्रशासक एवं विद्वान अधिकारी निदेशक डॉ० घिल्डियाल का उनके सेवानिवृत्ति के अवसर पर उपस्थित होना उनके लिए गौरव का क्षण है। उन्होंने कहा कि शेष जीवन भी वह निरंतर संस्कृत की सेवा में व्यतीत करेंगें। मौके पर प्राचार्य शशि भूषण बमोला, देवी प्रसाद, सुखदेव प्रसाद सिलोडी, प्रवीण कुमार, कुलदीप डिमरी, नन्दा देवी सेमवाल, डॉ० पुष्पा नौटियाल, प्रदीप नौटियाल सहित शिक्षक एवं कर्मचारी गण उपस्थित थे।
सहायक निदेशक संस्कृति एकादमी ने नए प्राचार्य के रूप में शशि भूषण बमोला को प्रभार पत्र सौंपते हुए विद्यालय का कुशल संचालन करने के निर्देश दिए। ताकि व्यवस्थित ढंग से महाविद्यालय का संचालन हो सके। सामाजिक कार्यकर्ता श्यामलाल सुन्द्ररियाल ने प्राचार्य देवली के कार्यकाल को अविस्मरणीय बताकर कहा कि एक शिक्षक कभी सेवानिवृत्त नहीं होता है, वह समाज के सृजन में आजीवन लगा रहता है। सेवानिवृत्ति पर प्राचार्य डॉ० देवली ने कहा कि कुशल प्रशासक एवं विद्वान अधिकारी निदेशक डॉ० घिल्डियाल का उनके सेवानिवृत्ति के अवसर पर उपस्थित होना उनके लिए गौरव का क्षण है। उन्होंने कहा कि शेष जीवन भी वह निरंतर संस्कृत की सेवा में व्यतीत करेंगें। मौके पर प्राचार्य शशि भूषण बमोला, देवी प्रसाद, सुखदेव प्रसाद सिलोडी, प्रवीण कुमार, कुलदीप डिमरी, नन्दा देवी सेमवाल, डॉ० पुष्पा नौटियाल, प्रदीप नौटियाल सहित शिक्षक एवं कर्मचारी गण उपस्थित थे।