इतिहासकारों के अनुसार 16वीं सदी में क्रुर मुगल शासक औरंगजेब के 18 अप्रैल 1669 में एक फरमान जारी कर काशी विश्वनाथ मंदिर को ध्वस्त करने का आदेश दिया गया था। औरंगजेब ने अपने शासनकाल में एक हजार से अधिक मंदिरों को तुड़वाया।
लेकिन हिन्दू मंदिरों को तोड़ना मुगलो के लिए आसान नहीं था। वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर तोड़न के लिए जब मुगल सेना आई तो यह सूचना पूरे क्षेत्र में आग की तरह फैल गई। जगह-जगह से मंदिर की सुरक्षा के लिए काशी पहुंच गए। बताया जाता है कि दस हजार से अधिक नागा साधु मंदिर में पहुंच गए। औरंगजेंब को जब इसकी सूचना मिली तो उसने सेना की दूसरी बड़ी टुगड़ी भी वाराणसी भेज दी। नागा साधुओं व मुगल सेना के बीच भीषण युद्ध हुआ। लेकिन औंरगजेब की बड़ी सेना के सामने नागा साधु टिक नहीं पाए। औरंगजेब की सेना ने दस हजार से अधिक नागा साधुओ का कत्ल किया, और इसके बाद मंदिर को तोड़ दिया। और यहां पर ज्ञापवापी मस्जिद का निर्माण कराया।
दस हजार नागा साधुओं का कत्ल किया था औरंगजेब की सेना ने
RELATED ARTICLES