देहरादून। लोकसभा चुनाव 2024 के मैदान में उतरे कई प्रत्याशी निर्वाचन आयोग को गुमराह करने का प्रयास कर रहे है और आयोग को खर्च का सही-सही हिसाब नहीं दे रहे है। ऐसा इसीलिए कहा जा रहा है कि क्योंकि प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार में अब तक जो खर्च दर्शाया है, वह निर्वाचन आयोग के बहीखाते से मेल नहीं खा रहा है।
लोकसभा चुनाव में एक प्रत्याशी 95 लाख रुपए से ज्यादा खर्च नहीं कर सकता है। यानी 95 लाख के अंदर ही एक प्रत्याशी को अपना चुनाव लड़ना है। प्रत्याशियों के खर्च पर नजर रखने के लिए निर्वाचन आयोग ने भी अलग-अलग टीमें गठित कर रखी है, जो प्रत्याशियों के खर्च को पूरा लेखा जोखा तैयार कर रही है, ताकी जब खर्चों के मिलन की बारी आए तो प्रत्याशियों को पूरा हिसाब गिनाया जा सके। इस क्रम में जब टिहरी गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र के सभी प्रत्याशियों के खर्च का निर्वाचन आयोग की लेखा टीम के सर्वे रजिस्टर से मिलान कराया गया तो कुछ गड़बड़ियां सामने आई। दरअसल, सभी प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार में अब तक जो खर्च दर्शाया है, वह निर्वाचन विभाग के लिखे हुए खर्च से मेल नहीं खा रहा है। इस दौरान तीन प्रत्याशी बैठक में अनुपस्थि भी पाए गए।
निर्वाचन आयोग को खर्च का सही हिसाब नही दे रहे प्रत्याशी
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