देहरादून: मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने उत्तराखण्ड प्रतिकरात्मक वन रोपण निधि प्रबन्धन और योजना प्राधिकरण (उत्तराखण्ड कैम्पा) की संचालन समिति की बैठक ली। इस दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों को फॉरेस्ट फायर पर विशेष ध्यान देते हुए प्रदेश को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की तर्ज पर कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि फॉरेस्ट फायर प्रोटेक्शन कार्यों के लिए वन पंचायतों का सुदृढ़ीकरण किया जाए।
बैठक में उत्तराखण्ड कैम्पा की वार्षिक कार्ययोजना के अन्तर्गत कैम्पा नियमावली के प्राविधानों के अन्तर्गत वर्ष 2022-23 अनुमन्य गतिविधियों हेतु कुल लगभग 41898.12 लाख रूपए की कार्ययोजना अनुमोदित की गयी। इस कार्ययोजना में वृक्षारोपण, वन्यजीव प्रबन्धन, वनाग्नि सुरक्षा कार्य, मृदा एवं जल संरक्षण के साथ ही बुग्यालों आदि के संरक्षण का प्राविधान किया गया। इसके साथ ही फॉरेस्ट एंड वाइल्ड लाइफ रिसर्च, वन पंचायतों का सुदृढ़ीकरण, वॉकिंग एंड साइक्लिंग ट्रेल्स का विकास और ईको-टूरिज्म को बढ़ावा हेतु प्राविधान का भी निर्णय लिया गया।
मुख्य सचिव ने कहा कि इस योजना के तहत प्राकृतिक वनों के संरक्षण एवं जल श्रोतों के संवर्द्धन, वन्य जीवों के प्राकृतिक आश्रय स्थल के संरक्षण, पारस्थितिकीय संतुलन एवं पर्यावरण सेवाओं की उपलब्धता में वृद्धि के प्रयासों पर भी विशेष ध्यान दिया जाए।
मुख्य सचिव ने इको टूरिज्म की दिशा में विशेष प्रयास किए जाने की आवश्यकता बताते हुए देहरादून से लगे वनों के आसपास और पर्यटन स्थलों के आसपास वॉकिंग और साइक्लिंग ट्रेल्स विकसित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि युवाओं में माउंटेन बाइकिंग का क्रेज भी बढ़ रहा है, इसकी संभावनाओं को तलाशते हुए इस दिशा में कार्य किया जाए, इससे पर्यटकों को प्रदेश ने एडवेंचर टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा।
मुख्य सचिव ने कैम्पा कार्यों की मॉनिटरिंग हेतु सिस्टम विकसित किए जाने के भी निर्देश दिए, साथ ही उन्होंने आगे से संचालन समिति की बैठकों में डिग्रेड हुए वनों की जानकारी भी साझा किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इससे डिग्रेडेड वनों के वनीकरण हेतु कार्ययोजनाएं तैयार की जा सकेंगी।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव वन आर. के. सुधांशु एवं पीसीसीएफ विनोद कुमार सहित वन विभाग के शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे।