टिहरी। टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ने अपने आवास पर पत्रकारों के साथ बातचीत में गोमुख ग्लेशियर के लगातार पीछे हटने और इसके प्रभाव के बारे में चिंता जताई। उन्होंने बताया कि बढ़ते तापमान के कारण बर्फबारी और बारिश में कमी देखी जा रही है। कुछ दिनों पूर्व यूएन सेक्रेटरी जनरल ने भी हिमालय को खतरे में बताया था और इसके वैश्विक असर की बात कही थी। इस मुद्दे पर वैश्विक स्तर पर चिंतन और मंथन की आवश्यकता है। हिमालय और गंगा को बचाने के लिए सबसे पहले टिहरी और उत्तरकाशी के लोगों और विशेष कर मीडिया को पहल करनी होगी।
विधायक किशोर उपाध्याय ने कहा कि मां गंगा टिहरी से निकलती है और यदि टिहरी और उत्तरकाशी के लोग गंगा और हिमालय को बचाने की पहल नहीं करेंगे, तो कौन करेगा? उन्होंने कहा कि 25 जून को दिल्ली प्रेस क्लब में होने वाली बैठक में इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा होगी और आगे की रणनीति तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति में प्राणी मात्र का जीवन खतरे में पड़ सकता है और इसके लिए हिमालय का वैज्ञानिक प्रबंधन आवश्यक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2014 के वक्तव्य का उल्लेख करते हुए उन्होने कहा कि मां गंगा ने उन्हें बुलाया था और अब जब वह वाराणसी के लोगों का आभार व्यक्त करने गए, तो उन्होंने कहा कि मां गंगा ने उन्हें गोद ले लिया है। यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है, उत्तराखंड और यहां के लोगों को इसका लाभ उठाना चाहिए। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि असली सवाल यह है कि गंगा में जल रहेगा तभी इसका महत्व है। किशोर उपाध्याय ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर दलगत राजनीति से ऊपर उठकर गंभीरता से चिंतन और मनन करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि वह संसद के दोनों सदनों से भी आग्रह करेंगे कि गंगा और हिमालय के मुद्दे पर चर्चा हो और इसके वैज्ञानिक प्रबंधन के लिए ठोस रणनीति बनाई जाए।
गंगा और हिमालय बचाने की पहल,25 जून को दिल्ली होगा विचार मंथनः उपाध्याय
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