देहरादून : राजधानी में बढ़ते ट्रेफिक और सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए यातायात पुलिस को जल्द ही करीब 150 यातायात स्वयंसेवक मिलेंगे। इसके लिए यातायात निदेशालय की ओर से स्वयंसेवक बनने के लिए आवेदन मांगे गए थे, जिसमें बड़ी संख्या में नौजवानों ने आवेदन किए। आवेदकों की स्क्रीनिंग करके 167 का चयन किया गया है। लेकिन इनमें भी अभी अंतिम चयन किया जाएगा और 150 के स्वयंसेवक दून की सड़कों पर उतारे जाएंगे।
अंतिम चयन के बाद उनकी रिजर्व पुलिस लाइन में दो दिन तक ट्रेनिंग होगी। इस ट्रेनिंग में उन्हें यातायात नियमों की जानकारी दी जाएगी। साथ व्यवहारिक बातें भी बताई जाएंगी। स्वयंसेवक की ड्यूटी चौराहों के अलावा डिजीटल, ट्रैफिक आइ एप में लगाई जाएगी।
यातायात निदेशालय पहली बार सड़क पर उतारे जा रहे स्वयंसेवकों को बड़ी जिम्मेदारी सौंपने जा रहा है। इसमें सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की मदद, नो पार्किंग में खड़े वाहनों का उत्तराखंड ट्रैफिक आइ एप की मदद से फोटो व वीडियो अपलोड कर चालान करवाना, अपने नजदीकी क्षेत्र के आसपास स्थित ट्रैफिक जंक्शन पर यातायात कर्मियों के साथ यातायात संचालित करना, अपने आसपास के कालेज, पार्क, उच्च शिक्षण संस्थान, स्टेडियम, माल, टैक्सी स्टैंड, बस स्टैंड, अस्पताल, रेलवे स्टेशन और सरकारी व निजी कार्यालयों में यातायात जागरूकता का प्रचार-प्रसार करना है।
वहीं निदेशालय की ओर से ट्रैफिक स्वयंसेवकों को वर्दी भी दी जाएगी।जिसमे टी-शर्ट, कैप और आइ कार्ड उपलब्ध करवाए जाएंगे। उसके साथ ही उन्हें समय-समय पर यातायात संबंधी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। हर माह सबसे अच्छे यातायात स्वयंसेवक को पुरस्कृत भी किया जाएगा। स्वयंसेवकों की चयन प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। कुछ ही दिनों में उन्हें ट्रेनिंग देकर ड्यूटी पर लगाया जाएगा।
यातायात निदेशालय ने आवेदकों की स्क्रीनिंग करके 167 नौजवानों का किया चयन
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