देहरादून: प्रदेश में सड़क दुर्घटना का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। इसमें सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही है। हाल ही में चकराता में एक वाहन सड़क दुर्घटना का शिकार हो गया। वाहन दुर्घटना में यह बात सामने आई है कि जिस मार्ग पर यह दुर्घटना हुई, वह बसों का संचालन नहीं होता। जिस कारण स्थानीय निवासियों को आने जाने के लिए जो भी वाहन उपलब्ध होता है,वह उसी से सफर करते हैं। यही कारण है कि चकराता में बायला गांव में दुर्घटनाग्रस्त वाहन में क्षमता से 3 गुना ज्यादा सवारी थी। वहीं दूसरी तरफ जौनसार बावर में चकराता,त्यूणी और कालसी में तकरीबन ढाई लाख की आबादी है। इस पूरे क्षेत्र में परिवहन निगम की तीन या चार निजी बसें संचालित हो रही है। वह भी सिर्फ मुख्य मार्गों पर ही चलती है।
जिसके कारण स्थानीय लोगों को छोटे वाहनों में सफर करना पड़ता है,जो अधिकांश ओवरलोड होते हैं। इसी प्रकार की स्थिति टिहरी, पौड़ी, चमोली उत्तरकाशी, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों की भी है। इस संवेदनशील स्थिति को देखते हुए परिवहन विभाग इन मार्गों पर परिवहन निगम और निजी ऑपरेटरों को बसों के संचालन के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।
इसी कड़ी में यह निर्णय लिया गया है कि इन पर्वतीय क्षेत्रों के मार्गों पर संचालित होने वाली बसों को टैक्स में 75 फ़ीसदी की छूट दी जाएगी। जिससे उन्हें वाहन संचालन में आर्थिक नुकसान न उठाना पड़े और इससे यात्रियों को भी सुविधा मिल सके। इस संबंध में उपायुक्त परिवहन के सिंह ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों के बिना लाभ वाले मार्गो पर बसों का संचालन बढ़ाने के लिए यह योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में प्रवर्तन की कार्यवाही में तेजी लाई जाएगी।उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इस संबंध में शासनादेश जारी हो सकता है