Sunday, November 9, 2025
Homeउत्तराखण्डसूबे के राजकीय नर्सिंग कॉलेजों को मिली सात नई फैकल्टी, चयनित एसोसिएट...

सूबे के राजकीय नर्सिंग कॉलेजों को मिली सात नई फैकल्टी, चयनित एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर को दी गई प्रथम तैनाती

राज्य सरकार राजकीय नर्सिंग कॉलेजों में गुणवत्तापरक शिक्षा सुनिश्चत करने के लिये संकल्पित है। इस दिशा में सरकार ने संकाय सदस्यों के शत-प्रतिशत पदों को भरने का निर्णय लिया है। जिसके क्रम में चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से चयनित प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर (नर्सिंग) के सात अभ्यर्थियों को प्रथम तैनाती दे दी है। इससे पहले नर्सिंग कॉलेजों में 26 नर्सिंग ट्यूटरों को प्रथम तैनाती दी जा चुकी है: डॉ. धन सिंह रावत, चिकित्सा शिक्षा मंत्री

देहरादून: सूबे के राजकीय नर्सिंग कॉलेजों में अब फैकल्टी की कमी दूर हो गई है। राज्य चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से चयनित सात फैकल्टी को विभिन्न कॉलेजों में प्रथम तैनाती दे दी गई है। जिसमें एक प्रोफेसर और छह एसोसिएट प्रोफेसर शामिल है। नर्सिंग कॉलेजों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को संकय सदस्य मिलने से उन्हें पठन-पाठन और प्रशिक्षण में कोई समस्या नहीं आयेगी।

राज्य सरकार प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों के साथ ही नर्सिंग कॉलेजों में संकाय सदस्यों की कमी को दूर करने में जुटी है, ताकि मेडिकल और नर्सिंग की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को उच्च स्तरीय शिक्षण और प्रशिक्षण मिल सके। इसी कड़ी में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने राज्य चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर (नर्सिंग) के पदों पर चयनित सात अभ्यर्थियों को प्रदेशभर के राजकीय नर्सिंग कॉलेजों में प्रथम तैनाती दे दी है। जिनमें प्रोफेसर (नर्सिंग) के पद पर चयनित चक्रपाणी चतुर्वेदी को राजकीय नर्सिंग कॉलेज चम्पावत में प्रथम तैनाती दी गई है। इसी प्रकार एसोसिएट प्रोफेसर (नर्सिंग) के पद पर चयनित रोजलिन लिली जैन को राजकीय नर्सिंग कॉलेज टिहरी, दीपिका शर्मा को चम्पावत, स्वेता को बाजपुर, आशुतोष कुंवर को पिथौरागढ़, मीना को पौड़ी और ज्योति गोदियाल को राजकीय नर्सिंग कॉलेज कोडगी रूद्रप्रयाग में प्रथम तैनाती दी गई है।

चयन बोर्ड से चयनित फैकल्टी सदस्यों की तैनाती से नर्सिंग कॉलेजों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन एवं प्रशिक्षण में अब किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी। इससे न केवल शिक्षण व्यवस्था सुदृढ़ होगी बल्कि छात्र-छात्राओं को किताबी ज्ञान के साथ-साथ बेहतर प्रशिक्षण भी मिल सकेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments