देहरादून: सूबे के कद्दावर नेता वन मंत्री हरक सिंह रावत के आसन्न विधानसभा चुनाव रुद्रप्रयाग जिले की केदारनाथ विधानसभा से लड़ने को लेकर चर्चा जोरों पर है। सूत्रों के अनुसार पार्टी भी हरक सिंह रावत के केदारनाथ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने को लेकर सभी बिन्दुओं पर विचार कर रही है। हांलांकि अभी तक हरक सिंह ने खुलकर केदारनाथ सीट से दावेदारी नहीं की है। लेकिन उनके विधानसभा चुनाव में अपनी सीट बदलने की सुई इस बार केदारनाथ में आकर रुकती दिख रही है।
अब तक हरक सिंह उत्तराखंड बनने के बाद पौड़ी, लैंसडाउन, रुद्रप्रयाग, कोटद्वार से चुनाव लड़ कर जीत दर्ज कर चुके हैं। आने वाले 2022 विधानसभा चुनाव में रुद्रप्रयाग वह पौड़ी जिले की 8 विधानसभा सीटों में अब उन्हें केदारनाथ सबसे ज्यादा सुरक्षित सीट लग रही है। इन दोनों जिलों की 4 विधानसभा पर वह चुनाव लड़ चुके हैं, इन सीटों पर अब वह दोबारा चुनाव नहीं लड़ेंगे। मंत्री हरक सिंह रावत का यह भी रिकार्ड रहा है जहां एक बार चुनाव लड़ गए उस विधानसभा से वह दुबारा चुनाव नहीं लड़ते हैं, यह कई सार्वजनिक मंचो व सभाओं में यह बात स्पष्ट कह चुके हैं।
हरक सिंह रावत का रुद्रप्रयाग जनपद से वर्ष 1997 से जुड़ाव रहा है। मायावती की उत्तर प्रदेश सरकार में दर्जाधारी मंत्री रहते हुए हरक सिंह रावत ने रुद्रप्रयाग जनपद निर्माण में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई थी। और तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती से 18 सितंबर 1997 को रुद्रप्रयाग जिले की घोषणा करवाई थी। उनका लगातार रुद्रप्रयाग जनपद वासियों से जुड़ाव भी रहा है। अब तक वह पौड़ी व रुद्रप्रयाग जिले की चार विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ चुके हैं। और अब केदारनाथ विधानसभा ही उन्हें सबसे ज्यादा महफूज लग रही है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार केदारनाथ विधानसभा सीट पर हरक सिंह रावत के नाम को लेकर भी चर्चा चल रही है। हालांकि अभी जिला पार्टी संगठन व प्रदेश पार्टी संगठन किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे रहा है। लेकिन हरक सिंह रावत हर चुनाव में अपनी विधानसभा सीट को बदलते हैं, और इस बार उन्हें केदारनाथ अपने सबसे ज्यादा अनुकूल लग रही है।