Sunday, May 12, 2024
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महिलाओं की दर्दनाक मौत की उच्चस्तरीय जांच जरुरी


देहरादून: पूर्व जिला पंचायत सदस्य व वरिष्ठ भाजपा नेता राजेन्द्र सिंह बिष्ट ने लुठियाग गांव में तीन महिलाओं की मौत की उच्चस्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि महिलाएं की मिट्टी की खान में नहीं बल्कि बजरी की खान में दबकर मौत हुई थी, जिसे एक साजिश के तहत मिट्टी की खान बता कर प्रचारित किया गया। कहा कि पूर्व में भी प्रशासन व वन विभाग को पत्र भेजकर बजरी की खान से निकासी पर रोक लगाने की मांग की थी, लेकिन संबंधित विभाग ने इसे अनदेखा कर दिया, जिसका नतीजा यह हुआ कि तीन महिलाओं की दर्दनाक मौत हो गई। कहा कि यदि प्रशासन ने जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जो पूरे क्षेत्र की जनता इसके खिलाफ आंदोलन करेगी।
मुख्यमंत्री व डीएफओ को भेजे पत्र में भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व जिला पंचायत सदस्य राजेन्द्र सिंह बिष्ट ने कहा कि लुठियाग गांव के ठीक नीचे टिहरी जिले की थाती गांव की सीमा में गत 3 मार्च को बजरी की खान से बजरी निकाल रही तीन महिलाओं की दर्दनाक मौत हो गई। जबकि प्रचारित किया गया कि महिलाएं मिट्टी लाने खान में गई थी। उन्होंने कहा कि महिलाएं मिट्टी नहीं बल्कि बजरी निकाल रही थी। पूरे क्षेत्र की महिलाएं इस खान से बजरी निकालती है, सभी सरकारी योजनाओं पर भी यहां की बजरी प्रयोग की जाती है। मिट्टी की खान गहरी नहीं होती हैं, जिससे उनमें ज्यादा खतरा नहीं होता, जबकि बजरी की खाने काफी गहरी होती हैं, और यहां हर समय दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। कहा कि महिलाएं इस खान से बड़ी मात्रा में बजरी निकालती है, जिससे यह काफी गहरी हो गई थी। खतरा देखते हुए पूर्व में वन विभाग व प्रशासन को पत्र लिखकर इस पर रोक लगाने की मांग की थी, लेकिन वन विभाग ने ऐसा नहीं किया। जिस कारण यह दर्दनाक घटना हुई। उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में ऐसी कई बजरी की खान हैं जहां महिलाएं जान हथेली पर रखकर बजरी निकती हैं। इस तरह की दर्दनाक घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सरकार को कठोर कदम उठाने चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस घटना की सही जानकारी देने के बजाय यह प्रचारित किया गया कि यह मिट्टी की खान है, और महिलाएं अपने घरों की लिपाई के लिए मिट्टी ला रही थी, जबकि महिलाएं बजरी लेने गई थी। उन्होंने कहा कि सत्यता सामने आनी चाहिए, तभी भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर रोक लग सकती है। भाजपा नेता ने कहा कि वह शीघ्र इस संबंध में मुख्यमंत्री से भी वार्ता करेंगे, तथा पहाड़ में बजरी की खान पर निकासी पर रोक लगाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की मांग करेंगे। उन्होंने टिहरी प्रशासन पर इस जांच कर दोषी वन विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग भी की है। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो इसके खिलाफ आंदोलन किया जाएगा।

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