देहरादून। उत्तराखंड चारधाम यात्रा चरम पर है। मौजूदा स्थिति ये है कि अभी तक 9 लाख से अधिक श्रद्धालु चारों धामों के दर्शन कर चुके हैं। चारों धामों में श्रद्धालुओं की मौत का आंकड़ा 52 हो गया है। धामों में बड़ी संख्या में आ रहे श्रद्धालुओं की व्यवस्था और लगातार बढ़ रहे मौत के आंकड़ों को लेकर राज्य सरकार काफी गंभीर नजर आ रही है, जिसको देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को नई दिल्ली से वर्चुअली चारधाम यात्रा की बैठक के दौरान सीएम धामी ने एसीएस आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने और सभी विभागों को आपसी समन्वय बनाकर अपनी जिम्मेदारियों का पूरी निष्ठा से निर्वहन करने के निर्देश दिए। साथ ही यात्रा मार्गों पर शासन के उच्च अधिकारी और पुलिस विभाग के आईजी स्तर के अधिकारियों को यात्रा के बेहतर संचालन के लिए लगातार फील्ड में रहने के भी निर्देश दिए। बैठक में सीएम ने किसी भी स्तर पर लापरवाही पाए जाने पर सीधे कार्रवाई की बात कही।
बैठक में सीएम ने कहा कि अगर कोई श्रद्धालु बिना रजिस्ट्रेशन के धामों में पहुंचते हैं, तो उसकी जवाबदेही संबंधित अधिकारियों की होगी। मंदिरों में सभी श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए एक समान समय मिले। साथ ही रजिस्ट्रेशन और दर्शन व्यवस्था में वरिष्ठ नागरिकों को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के शुरुआती पड़ाव ऋषिकेश, हरिद्वार समेत अन्य होल्डिंग वाले स्थानों से केदारनाथ, बदरीनाथ के लिए जा रही गाड़ियों को अलग-अलग समय में छोड़ा जाए। अगर जरूरत पड़े तो बीकेटीसी से बातकर मंदिरों में दर्शन के समय सीमा को भी बढ़ाया जाए।
सीएम धामी ने अधिकारियों को मानसून सीजन में चारधाम यात्रा से संबंधित तैयारियों को समय से पूरा करने के निर्देश दिए हैं, ताकि बरसात के दौरान चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत ना हो। इसके अलावा जिन जगहों पर श्रद्धालुओं को रोका जा रहा है, उन स्थानों पर लगातार साफ सफाई की जाती रहे और पेयजल समेत अन्य मूलभूत सुविधाओं की भी पर्याप्त व्यवस्था रहे।
चारधाम यात्रा की लगातार मॉनिटरिंग के लिए गठित की जाएगी कमेटी
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