उत्तरकाशी। मार्च का महीना खत्म होने जा रहा है, लेकिन उत्तराखंड में ठंड है कि इस बार जाने का नाम ही नहीं ले रही है। मार्च के आखिरी सप्ताह में भी उत्तराखंड के उच्च हिमलायी क्षेत्रों में बर्फबारी हो रही है। शनिवार को उत्तरकाशी जिले में स्थिति यमुनोत्री और गंगोत्री धाम में सुबह ही ताजा हिमपात हुआ।
गंगोत्री-यमुनोत्री धाम और उसके आसपास की पहाड़ियों पर शनिवार सुबह को हुए हिमपात का असर निचले इलाके में भी दिखने को मिला। गंगोत्री धाम में बर्फबारी होने से तापमान में गिरावट आई है। हालांकि बर्फबारी बहुत ज्यादा नहीं हुई है, लेकिन मार्च के आखिर में हुई बर्फबारी लोगों को परेशान कर रही है। क्योंकि 10 मई को गंगोत्री-यमुनोत्री के साथ-साथ केदरानाथ धाम के कपाट भी खुलने जा रहे हैं। बर्फबारी के बाद यात्रा की तैयारियों में प्रशासन और व्यापारियों को थोड़ी मुश्किल आती है।
गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित सुधांशु सेमवाल ने बताया कि धाम में करीब एक इंच बर्फ जमी हुई है। हालांकि अभी गंगोत्री हाईवे पर आवाजाही सुचारू है। मार्च माह में हुई बर्फबारी सेब और राजमा की फसल के लिए लाभदायक है। क्योंकि इस बर्फ से लंबे समय तक भूमि में नमी बनी रहेगी, जो कि जुलाई-सितंबर माह में इन दोनों फसलों के उत्पादन में उपयोगी साबित होगी। उधर, मां यमुना के शीतकालीन पुजारी अरुण उनियाल ने बताया कि यमुनोत्री क्षेत्र में बर्फबारी होने से ठंड में इजाफा हुआ है।
यमुनोत्री और गंगोत्री धाम में हुई बर्फबारी
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